राणा लाखा के बारे में
राणा लाखा
राणा लाखा मेवाड़ का एक वीर योद्धा था इनके पिता उसकाका नाम राणा क्षेत्र सिंह था एक पुत्र था जिसका नाम राव चुंडा था उसके शासनकाल में एक झील का निर्माण हुआ जिससे पिछु बिंजारे ने अपने बैल की याद में बनवाया, जो राजस्थान की एकमात्र बैल की याद में बनवाई गई है। उसके यहां चांदी कि खान निकली जो (जावर,उदयपुर )में है । इसके बाद उनके राज्य की बहुत उन्नति हुई और उनकी दारी आर्थिक समस्या दूर हो गई lture.blogspot.com , यह भारत की सबसे बड़ी चांदी कि खान है ।
नटनी का चबूतरा
यह माना जाता हैं कि एक बार कोई राणा किसी नतनी को यह कहता है कि अगर तुम इस पिछोला झील के उपर से नाचते हुए आओगी , तो मै तुम्हे अपना आधा राज्य दे दूंगा । इसके बाद वह natni नाचते हुए आधी दूर आयी तो वह झील में गिर गई और वही उसकी मौत हो गई । इस कारण वन्हा पर न्टनी का चबूतरा बनाया गया है।
राणा लाखा का विवाह
राणा लाखा का वर्धावस्था में विवाह में मंडोर के राव चूड़ा की पुत्री हंसाबई से हुआ जो उनसे उम्र में काधी छोटी थी पहले हंसा बाई का रिश्ता उसके पुत्र के लाया गया परन्तु फिर किसी कारण उसका विवाह राणा लाखा से हो गया। राणा चूड़ा ने राव चूड़ा को यह वचन दिया की इस गद्दी पर केवल लाखा और हंसा बाई से होने वाली है संतान बैठेगी । इस कारण इसे मेवाड़ का भीष्म कहा जाता है। रघु वंश रामचंद्र के बाद पितृ भक्ति करने का ऐसा उदाहरण केवल चूंडा ने ही दिया है।
इन दोनों से राणा मोकल का जन्म हुआ जो आगे चल के मेवाड़ का शासक बना।
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